Bikharne Ka Mujhako | बिखरने का मुझको - Lyrics from movie Qala | कला (2022)

 
Bikharne Ka Mujhako | बिखरने का मुझको
Movie Qala | कला (2022)
Singers Amit Trivedi
Lyricists -
Composers -
Categories Bollywood
Genres -
Language Hindi
Publisher -
 
 

बिखरने का मुझको शौक़ है बड़ा,
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा…

हाय…
बिखरने का मुझको शौक़ है बड़ा,
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा…

डूबती है तुझ में आज मेरी कश्ती
गुफ्तगू में उत्तरी बात।

हो…
डूबती है तुझ में आज मेरी कश्ती,
गुफ्तगू में उत्तरी बात की तरह।

हो…
देख के तुझे ही रात की हवा ने,
सांस थाम ली है हाथ की तरह।

हाय…
की आँखों में तेरी रात की नदी,
यह बाज़ी तो हारी है सौ फ़ीसदी…

हो…
उठ गए क़दम तो आँख झुक रही है,
जैसे कोई गहरी बात हो यहां

हो…
खो रहे हैं दोनों एक दूसरे में,
जैसे सर्दियों की शाम में धुआं

हाय…
यह पानी भी तेरा आईना हुआ,
सितारों में तुझको है गिना हुआ… हा…

हम्म…
बिखरने का मुझको शौक़ है बड़ा
समेटेगा मुझको तू बता ज़रा…
ज़रा…

 

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