जिनिया तने देर लगिया, तैनु एक लगे ते तू जाणे।
गुलाम फरीदा दिल ओथे दइए, जिथे अगला कदर भी जाणे।
वैरिया वे… हो, हो किया क्या कसूर मैंने तेरा वे।
वैरिया वे…
चाहे जो सलूक कर, मुझे मंज़ूर पर, जुर्म ज़रूर दस मेरा वे।
वैरिया वे… हो, हो किया क्या कसूर मैंने तेरा वे।
वैरिया वे…
अँखियो में बस के, अंखियों से डस के, लेता नहीं हस के सलाम तू।
इतना तो काम कर, मुझे बदनाम कर, कोई भी लगाके इल्ज़ाम तू।
कर कुछ बहाना, कौन सा न माना, हुकुम हजूर दस तेरा वे।
वैरिया वे… हो, हो किया क्या कसूर मैंने तेरा वे।
वैरिया वे…
अच्छा किया तूने, तोड़ दिया तूने, दिल मेरा बड़ा मगरूर था।
अपनी वफ़ा पे, शर्म-हया पे, कभी मुझे इतना गुरुर था।
कदमों में तेरे, रख दिया सर ले, टुटा ग़ुरूर बस मेरा वे।
वैरिया वे… हो, हो किया क्या कसूर मैंने तेरा वे।
वैरिया वे…
यहाँ नहीं चलता, ज़ोर दिलो का, यहाँ दस्तूर चलते है।
गल सुन सजणा, चल मेरे बलमा, दुनिया से दूर चलते है।
यहाँ नहीं रहना, इतना तू कहना, कर मंज़ूर बस मेरा वे।
वैरिया वे… हो, हो किया क्या कसूर मैंने तेरा वे।
वैरिया वे…
वैरिया वे…
वैरिया वे…
वैरिया वे…