Ameeron Ki Sham Gharibon Ke Naam | अमीरों की शाम गरीबो के नाम - Lyrics from movie Naam | नाम (1986)

 
Ameeron Ki Sham Gharibon Ke Naam | अमीरों की शाम गरीबो के नाम
MovieNaam | नाम (1986)
SingersMohammad Aziz
LyricistsAnand Bakshi
ComposersLaxmikant - Pyarelal
CategoriesBollywood
Genres-
LanguageHindi
PublisherSaregama
 
 

ये आँसू, ये जज्बात, तुम बेचते हो।
गरीबो के हालात, तुम बेचते हो।

अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।

अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
इसी बात पर, सबको मेरा सलाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।

ये क्या है तमाशा, ये क्या है सितम।
ये क्या है तमाशा, ये क्या है सितम।
मजा आगया बस, खुदा की कसम।
ख़ुशी की दुकानों पे बिकता है ग़म, बिकता है ग़म।
फिदा ऐसे ग़म पे, हे खुशियाँ तमाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।

ये फ़नकार की, एक हसीन याद है।
ये फ़नकार की, एक हसीन याद है।
किसी भूखे-नंगे की फ़रियाद है।
ये तस्वीर तो काबिल-ए-दाद है, काबिल-ए-दाद है।
इसे दीजिए आप पहला इनाम।
अमीरों की शाम गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम गरीबो के नाम।

ये मासूम बच्चा, ये मजबूर माँ।
ये मासूम बच्चा, ये मजबूर माँ।
न चूला, न बर्तन, न घर, न धुआं।
न चूला, न बर्तन, न घर, न धुआं।
गरीबी की मुंह बोलती दास्तां।
अमीरी का मुंह बोलता इंतकाम।

अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
इसी बात पर, सबको मेरा सलाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।
अमीरों की शाम, गरीबो के नाम।

 

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