बड़े अच्छे लगते हैं…
बड़े अच्छे लगते हैं,
क्या?
ये धरती, ये नदिया, ये रैना
और?
और तुम…
बड़े अच्छे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैना
और?
और तुम…
ओ माझी रे… जइयो पिया के… देस…
हम तुम कितने पास हैं, कितने दूर हैं चाँद सितारे।
सच पूछो तो मन को झूठे लगते हैं, ये सारे।
हम तुम कितने पास हैं, कितने दूर हैं चाँद सितारे ।
सच पूछो तो मन को झूठे लगते हैं, ये सारे।
मगर सच्चे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैना,
और तुम…
तुम इन सबको छोड़के कैसे, कल सुबह जाओगी?
मेरे साथ इन्हें भी तो तुम याद बहुत आओगी।
तुम इन सबको छोड़के कैसे, कल सुबह जाओगी?
मेरे साथ इन्हें भी तो तुम याद बहुत आओगी।
बड़े अच्छे लगते हैं, ये धरती, ये नदिया, ये रैना
और?
और तुम…
बड़े अच्छे लगते हैं…