ओ नादान परिंदे घर आजा।
ओ नादान परिंदे घर आजा।
ओ नादान परिंदे घर आजा।
घर आजा, घर आजा, घर आजा।
आ… आ… आ…
क्यूँ देश बिदेश फिरे मारा, क्यूँ हाल बेहाल थका हारा।
क्यूँ देश बिदेश फिरे मारा, तू रात बिरात का बंजारा।
ओ नादान परिंदे घर आजा।
घर आजा, घर आजा, घर आजा।
आ… आ… आ…
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
सौ दर्द बदन पे फैले है,
हर करम के कपडे मेले है।
काटे चाहे जितना, परों से हवाओं को, खुद से ना बच पायेगा तू।
तोड़ आसमानों को, फूँक दे जहानों को, खुद को छुपा ना पायेगा तू।
कोई भी ले रास्ता, तू है तू में बस्ता, अपने ही घर आएगा तू।
ओ नादान… ओ नादान परिंदे घर आजा।
घर आजा, घर आजा, घर आजा।
आ… आ… आ…
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
कागा रे कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे, चुन चुन खाइयो मांस।
कागा रे कागा रे मोरी इतनी अरज तोसे, चुन चुन खाइयो मांस।
अरजिया रे खाइयों ना तू नैना मोरे, खाइयों ना तू नैना मोहे, पिया के मिलान की आस।
खाइयों ना तू नैना मोरे, खाइयों ना तू नैना मोहे, पिया के मिलान की आस।
ओ नादान… ओ नादान परिंदे घर आजा।
घर आजा, घर आजा, घर आजा।
आ… आ… आ…
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।
नादान परिंदे घर आजा।