चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है।
चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है।
चिट्ठी आयी है वतन से चिट्ठी आयी है।
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनो को याद।
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनो को याद ।
वतन की मिट्टी आयी है।
चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है।
चिट्ठी आयी है वतन से चिट्ठी आयी है।
ऊपर मेरा नाम लिखा है, अंदर ये पैगाम लिखा है।
ओ परदेस को जाने वाले, लौट के फिर न आने वाले।
सात समुंदर पार गया तू, हमको ज़िदा मार गया तू।
खून के रिश्ते तोड़ गया तू, आँख में आंसू छोड़ गया तू।
कम खाते है, कम सोते है, बहुत ज़्यादा हम रोते है।
चिट्ठी आयी है …
चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है।
चिट्ठी आयी है वतन से चिट्ठी आयी है।
सुनी हो गयी शहर की गलियां, कांटे बन गयी बाग की कलियाँ।
कहते है सावन के झूले, भूल गया तू हम नहीं भूले।
तेरे बिन जब आयी दीवाली, दीप नहीं दिल जले है खाली।
तेरे बिन जब आयी होली, पिचकारी से छूटी गोली।
पीपल सूना पनघट सूना, घर शमशान का बना नमूना।
फसल कटी आयी बैसाखी, तेरा आना रह गया बाकी।
चिट्ठी आयी है …
चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है।
चिट्ठी आयी है वतन से चिट्ठी आयी है।
पहले जब तू ख़त लिखता था, कागज़ में चेहरा दीखता था।
बंद हुआ ये मेल भी अब तो, खत्म हुआ ये खेल भी अब तो।
डोली में जब बैठी बहना, रास्ता देख रहे थे नैना।
मैं तो बाप हूँ मेरा क्या है, तेरी माँ का हाल बुरा है।
तेरी बीवी कराती है सेवा, सूरत से लगाती है बेवा।
तूने पैसा बहुत कमाया, इस पैसे ने देस छुड़ाया।
देश पराया छोड़ के आजा, पंछी पिंजरा तोड़ के आजा।
देश पराया छोड़ के आजा, पंछी पिंजरा तोड़ के आजा।
आजा उम्र बहुत है छोटी, अपने घर में भी है रोटी।
चिट्ठी आयी है …
चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनो को याद
वतन की मिटटी आयी है
चिट्ठी आयी है आयी है चिट्ठी आयी है
चिट्ठी आयी है वतन से चिट्ठी आयी है
बड़े दिनों के बाद, हम बेवतनो को याद
वतन की मिटटी आयी है.